कार्तिक पूर्णिमा पर धर्मनगरी में आस्था और भक्ति का अनोखा संगम

उत्तराखंड की धर्मनगरी हरिद्वार में साल के अंतिम स्नान कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा घाटों पर सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह 3:50 बजे से शुरू हुए गंगा स्नान में अब तक लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र जल में डुबकी लगाई। हर की पैड़ी से लेकर कुशावर्त, भीमगोड़ा, चंडी और रामघाट तक हर ओर भक्तों का सैलाब नजर आया। दूर-दराज़ राज्यों से आए श्रद्धालुओं ने मां गंगा के पवित्र जल में स्नान कर आत्मिक शांति और मोक्ष की कामना की।

पौराणिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का अंत किया था। तभी से देवताओं ने पवित्र नदियों में स्नान और दान का विधान शुरू किया, जो आज भी जारी है। हरकी पैड़ी पर “हर-हर गंगे” और “जय मां गंगे” के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो उठा। हजारों दीपों से सजी गंगा की धारा का नजारा भी दर्शनीय रहा। श्रद्धालुओं ने दीपदान कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की और भगवान विष्णु तथा मां गंगा की पूजा-अर्चना की।

भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्थाओं को कड़ा किया। मेला क्षेत्र को 11 ज़ोन और 36 सेक्टर में बांटकर जल पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और फ्लड रेस्क्यू टीमों को तैनात किया गया। ड्रोन कैमरे और अतिरिक्त सीसीटीवी से हर गतिविधि पर निगरानी रखी जा रही है।

सुरक्षित और व्यवस्थित स्नान के लिए ट्रैफिक डायवर्जन और चेकिंग की भी व्यवस्था की गई। प्रशासन की तत्परता के चलते पर्व शांतिपूर्ण और सफलतापूर्वक जारी है। अनुमान है कि शाम तक 30 लाख से अधिक श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाएंगे।

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