
उत्तराखंड कैबिनेट बैठक बुधवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई, जिसमें कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सौरभ बहुगुणा सहित कई मंत्री शामिल रहे, जबकि सतपाल महाराज और धन सिंह रावत वर्चुअली जुड़े। बैठक की शुरुआत पूर्व कैबिनेट मंत्री और राज्य निर्माण आंदोलन के अग्रणी नेता दिवाकर भट्ट को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि देने से हुई। कैबिनेट ने राज्य निर्माण और विकास में उनके योगदान को याद किया।
इसके बाद विभिन्न विभागों से आए महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा की गई। बैठक में कुल सात प्रस्तावों को मंजूरी मिली। पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग और ऊर्जा विभाग के वित्तीय प्रतिवेदन विधानसभा में पेश करने की अनुमति दी गई। अभियोजन संवर्ग के पुनर्गठन पर मुहर लगाते हुए सहायक अभियोजन अधिकारी के 46 नए पद सृजित किए गए।
कैबिनेट ने राज्य की दुकानों और संस्थानों में महिला कर्मचारियों को रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक शिफ्ट में काम करने की अनुमति प्रदान कर दी, हालांकि इसके लिए उनकी लिखित सहमति और आवश्यक सुरक्षा प्रबंध अनिवार्य होंगे। उत्तराखंड दुकान एवं स्थापना अधिनियम में संशोधन के लिए 2025 अध्यादेश को भी मंजूरी मिली।
देहरादून में प्रस्तावित मेट्रो नियो परियोजना पर केंद्र सरकार द्वारा दिए सुझावों को कैबिनेट के समक्ष रखने से जुड़े प्रस्ताव को भी स्वीकार किया गया। इसके अलावा, मानव-वन्यजीव संघर्ष राहत नियमावली–2025 में संशोधन करते हुए मृतकों के परिजनों को अनुग्रह राशि बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने तथा घायलों के इलाज का पूरा खर्च सरकार द्वारा वहन करने का निर्णय लिया गया। इधर, शिक्षा विभाग से जुड़े दो प्रस्तावों को पुनः परीक्षण के लिए स्थगित कर दिया गया है।









