उत्तराखंड एसटीएफ को बड़ी सफलता, साइबर ठग इस इलाके से गिरफ्तार

उत्तराखंड एसटीएफ की साइबर थाना देहरादून ने एक बड़ी साइबर धोखाधड़ी मामले में राजस्थान से आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी पर आरोप है कि उसने हरिद्वार निवासी एक पीड़िता से 1.43 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी। आरोपी ने व्हाट्सएप के माध्यम से लोगों से संपर्क किया और खुद को भारतीय ब्रोकर के रूप में पेश कर उन्हें निवेश के नाम पर मुनाफा कमाने का लालच दिया था। इसके लिए उसने फर्जी शेयर मार्केट और स्टॉक ट्रेडिंग वेबसाइट्स का इस्तेमाल किया था।

जांच में यह सामने आया है कि इस धोखाधड़ी से संबंधित धनराशि राजस्थान के अलवर स्थित विभिन्न बैंक खातों में स्थानांतरित की गई थी। कुल 2.33 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ, जिसमें से 55 लाख रुपये की राशि पीड़िता से धोखाधड़ी कर स्थानांतरित की गई।

इस मामले में आरोपियों ने पीड़िता को ‘क्वांटम कैपिटल’ नामक फर्जी कंपनी के माध्यम से निवेश के लिए आकर्षित किया। उन्हें विश्वास में लेने के बाद आरोपी ने पीड़िता से बड़ी रकम निवेश करने का दबाव डाला। ठगों ने फोन पर उसे मुनाफा मिलने का दावा किया, लेकिन पीड़िता को कभी भी पैसे नहीं मिले।

एसटीएफ टीम ने मामले की गहरी जांच की और तकनीकी संसाधनों का इस्तेमाल कर ठगों का पर्दाफाश किया। पुलिस ने आरोपी कैलाश सैनी को राजस्थान के सीकर जिले से गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के दौरान उसके पास से एक मोबाइल हैंडसेट और धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए गए बैंक खातों के एसएमएस अलर्ट सहित महत्वपूर्ण साक्ष्य बरामद किए गए।

पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ और पुलिस महानिरीक्षक नीलेश आनंद भरने के निर्देशन में एसटीएफ ने इस मामले को गंभीरता से लिया। एसटीएफ के वरिष्ठ अधिकारी नवनीत सिंह ने बताया कि यह गिरोह व्हाट्सएप के जरिए फर्जी निवेश की पेशकश करता था और फर्जी वेबसाइट्स पर मुनाफा दिखाकर लोगों से पैसे इकट्ठा करता था। इस गिरोह के खिलाफ कार्रवाई जारी है, और पुलिस ने राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में आरोपियों के ठिकानों पर दबिश दी है।

गिरफ्तारी के बाद कैलाश सैनी के खिलाफ राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल पर अब तक 15 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। पुलिस अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए जांच जारी रखे हुए है। गिरफ्तारी टीम में निरीक्षक विजय भारती, उप निरीक्षक हिम्मत सिंह, कांस्टेबल नीरज नेगी और योगेश्वर कान्ति शामिल थे।

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