
उत्तराखंड में प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को वंचित किए जाने का मामला सामने आया है, जिसे प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। हरिद्वार की मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) आकांक्षा कोण्डे ने इस मामले की गहन जांच के बाद सख्त कार्रवाई की है।
ग्राम पंचायत रसूलपुर मीठीबेरी में हुई जांच में पता चला कि योजना के लिए कुल 45 परिवारों को अपात्र घोषित किया गया था, जबकि पुनः जांच में तीन परिवार वास्तव में पात्र पाए गए। खंड विकास अधिकारी बहादराबाद मानस मित्तल की रिपोर्ट में बताया गया कि सिस्टम द्वारा रिजेक्ट किए गए 44 परिवारों और क्षेत्रीय स्तर पर अस्वीकृत एक परिवार की समीक्षा में तीन परिवार पात्र निकले, जबकि 42 परिवार योजना के मानकों के अनुसार अपात्र थे।
सीडीओ आकांक्षा कोण्डे ने इस चूक को बेहद गंभीर बताया और इसे योजना के सही लाभार्थियों को वंचित करने वाली लापरवाही करार दिया। उन्होंने ग्राम पंचायत रसूलपुर मीठीबेरी के ग्राम विकास अधिकारी को जिम्मेदार ठहराते हुए उनका एक माह का वेतन तत्काल प्रभाव से रोकने के आदेश दिए हैं। साथ ही, विभागीय कार्रवाई भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि योजना के पात्र लाभार्थियों को वंचित करने वाली किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे।