मेडिकल एक्सपर्ट्स ने बर्ड फ्लू महामारी के संभावित खतरे पर चिंता जताई है और चेतावनी दी है कि यह ‘कोविड से 100 गुना ज्यादा खराब’ हो सकती है। इतना ही नहीं यह महामारी संभावित रूप से संक्रमित लोगों में से आधे लोगों की मौत का कारण बन सकती है।
पिट्सबर्ग में एक प्रमुख बर्ड फ्लू शोधकर्ता डॉ. सुरेश कुचिपुड़ी ने चेतावनी दी है कि H5N1 में महामारी पैदा करने की क्षमता है। ऐसे इसलिए क्योंकि यह मनुष्यों के साथ-साथ कई स्तनधारी जानवरों को संक्रमित करने की क्षमता रखता है।फार्मास्युटिकल उद्योग सलाहकार और कनाडा स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी बायोनियाग्रा के संस्थापक जॉन फुल्टन ने भी इन चिंताओं को दोहराया है। उन्होंने भी कहा है कि H5N1 अगर महामारी का रूप लेता है तो यह काफी गंभीर होगा।
यह कोविड -19 से कहीं अधिक घातक हो सकता है। फुल्टन ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह कोविड से 100 गुना अधिक खराब है।विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, 2003 के बाद से एच5एन1 बर्ड फ्लू से पीड़ित प्रत्येक 100 रोगियों में से 52 की मृत्यु हो गई है। आपको बता दें कि अब तक 887 मामले सामने आए हैं, उनमें से कुल 462 मौतें हुई हैं। वहीं, कोविड-19 से संक्रमित रोगियों की मृत्यु दर 0.1 प्रतिशत से कम है। हालाँकि, महामारी की शुरुआत में यह लगभग 20 प्रतिशत था।
H5N1 क्या है?लाइव साइंस की एक रिपोर्ट के अनुसार, H5N1 एवियन इन्फ्लूएंजा ए का एक उपप्रकार है। यह बर्ड फ्लू वायरस का एक समूह है। इसे अत्यधिक रोगजनक माना जाता है क्योंकि यह पोल्ट्री में गंभीर और अक्सर घातक बीमारी का कारण बनता है। यह मुख्य रूप से पक्षियों को प्रभावित करता है। H5N1 जंगली पक्षियों और कभी-कभी मनुष्यों सहित स्तनधारियों को भी संक्रमित कर सकता है। इंसानों और जानवरों के लिए यह बीमारी घातक हो सकती है।
H5N1 वायरस का पहली बार पता 1996 में चीन में पक्षियों में लगाया गया था। एक साल बाद हांगकांग में इसका प्रकोप हुआ।