उत्तराखंड में भ्रष्टाचार पर करारी चोट, धामी सरकार का एक्शन मोड ऑन

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की “जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन” नीति अब उत्तराखंड में ठोस नतीजों के रूप में सामने आ रही है। उन्होंने विजिलेंस विभाग को भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के लिए पूरी छूट दे रखी है, जिसका असर पिछले साढ़े चार वर्षों में साफ देखा गया है।

जहाँ वर्ष 2021 में विजिलेंस द्वारा मात्र 7 गिरफ्तारियाँ की गई थीं, वहीं 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 38 तक पहुँच गया। जुलाई 2025 तक 14 और गिरफ्तारियाँ हो चुकी हैं।मुख्यमंत्री धामी के सख्त निर्देशों के चलते विजिलेंस ने अब तक कुल 82 ट्रैप में 94 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 13 राजपत्रित अधिकारी शामिल हैं। विजिलेंस को कुल 125 भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतें मिलीं, जिनमें से 18 में सामान्य जांच, 25 में खुली जांच और 82 मामलों में सीधे ट्रैप की कार्रवाई की गई। खास बात यह है कि विजिलेंस केवल कार्रवाई तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि 71 प्रतिशत मामलों में अदालत से सजा भी दिलाने में सफल रही है।

मुख्यमंत्री धामी ने सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिन अधिकारियों के विरुद्ध ट्रैप या भ्रष्टाचार की पुष्टि हुई है, उन्हें न तो कोई पूर्व दायित्व दिया जाए और न ही कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी। साथ ही अभियोजन की प्रक्रिया को भी तेज़ करने को कहा गया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ जनसहयोग सुनिश्चित करने हेतु टोल फ्री नंबर 1064 भी जारी किया गया है।

गिरफ्तार कुछ प्रमुख अफसर और कर्मचारी:

लोक निर्माण विभाग के AE (नैनीताल): ठेकेदार से ₹10,000 रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए

यूपीसीएल JE (देहरादून): हरबर्टपुर में ₹15,000 रिश्वत लेते गिरफ्तार

एलआईयू SI और हेड कॉन्स्टेबल (रामनगर): रिश्वत लेते हुए विजिलेंस के हत्थे चढ़े

रोडवेज AGM (काशीपुर): अनुबंध बस संचालन में ₹90,000 रिश्वत लेते गिरफ्तार

खंड शिक्षा अधिकारी (खानपुर): ₹10,000 घूस लेते रंगे हाथ पकड़े गए

GST सहायक आयुक्त (देहरादून): ₹75,000 रिश्वत में लिप्त पाए गए

जिला आबकारी अधिकारी (रुद्रपुर): शराब कारोबार में 10 लाख के माल पर 10% रिश्वत लेते गिरफ्तार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान:

“हम देवभूमि उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री का दायित्व संभालते ही मैंने विजिलेंस को पूरी स्वतंत्रता दी और आज उसके सकारात्मक परिणाम सामने हैं। हमारी कोशिश है कि हर भ्रष्टाचारी को अदालत से सजा दिलाई जाए ताकि राज्य में ईमानदार और पारदर्शी शासन की संस्कृति विकसित हो।”

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