
नईदिल्ली। देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं और जन सुरक्षा की चिंताओं को देखते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम आदेश जारी किया है। अदालत ने सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, नगर निकायों और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को निर्देश दिया है कि वे राष्ट्रीय, राज्य राजमार्गों और अन्य सड़कों से आवारा मवेशियों व कुत्तों को हटाएं।
न्यायालय ने कहा कि यह कदम न केवल लोगों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि सड़कों को सुचारू और सुरक्षित रखने के लिए भी जरूरी है। अदालत ने राज्यों को आदेश दिया है कि वे विशेष राजमार्ग गश्ती दल गठित करें, जो सड़कों पर घूमने वाले आवारा पशुओं को पकड़कर उन्हें सुरक्षित आश्रय गृहों में ले जाएं, जहां उनकी देखभाल और भोजन की उचित व्यवस्था की जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इन अभियानों में पकड़े गए जानवरों को कभी भी वापस उसी स्थान पर नहीं छोड़ा जाए जहां से उन्हें पकड़ा गया था। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों और अन्य सार्वजनिक स्थानों से भी आवारा कुत्तों को हटाकर सुरक्षित आश्रय स्थलों में रखा जाए।
यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के उस व्यापक मामले का हिस्सा है जिसमें अदालत लगातार आवारा पशुओं के प्रबंधन से संबंधित दिशा-निर्देश जारी कर रही है। इससे पहले अगस्त 2025 में, न्यायालय ने पशु जन्म नियंत्रण (ABC) कार्यक्रम, टीकाकरण, और निर्दिष्ट आहार स्थलों के नियमों पर भी महत्वपूर्ण निर्देश दिए थे।
अदालत ने अपने नवीनतम निर्णय में दोहराया कि यह पूरा अभियान जन सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए और पशुओं के साथ मानवीय व्यवहार को बनाए रखते हुए संचालित किया जाना चाहिए।









