
उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम ने करवट ले ली है। मॉनसून के विदा होने के बावजूद राज्य के पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। खासकर उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी ने अक्टूबर में ही ठंड का अहसास दिला दिया है।
सोमवार, 6 अक्टूबर की शाम से ही बदरीनाथ, केदारनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगातार बर्फबारी हो रही है। वहीं, राजधानी देहरादून सहित राज्य के कई हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है, जिससे तापमान में तेज गिरावट दर्ज की गई है।
बर्फबारी के चलते चमोली जनपद समेत ऊपरी इलाकों में ठंडक बढ़ गई है। सोमवार शाम से ही हल्की ठंड ने दस्तक दे दी थी और लोग गर्म कपड़े निकालने को मजबूर हो गए हैं। मौसम में इस अचानक बदलाव ने अक्टूबर के पहले सप्ताह में ही दिसंबर जैसी सर्दी का अहसास करा दिया है।
बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब में बर्फबारी से जहां स्थानीय लोग ठिठुरने लगे हैं, वहीं पर्यटक बेहद उत्साहित नजर आ रहे हैं। आमतौर पर अक्टूबर के शुरुआत में इतनी बर्फबारी नहीं होती, लेकिन इस बार मौसम ने अपना रंग पहले ही दिखा दिया है।
मौसम विभाग के अनुसार, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश और ऊंचाई वाले क्षेत्रों (4000 मीटर से अधिक) में बर्फबारी की संभावना थी। इसके मद्देनज़र विभाग ने येलो अलर्ट भी जारी किया है।
हालांकि, राहत की खबर यह है कि मौसम विभाग ने अगले पूर्वानुमान में बताया है कि 8 अक्टूबर (बुधवार) से बारिश और बर्फबारी का दौर थम सकता है और मौसम साफ रहने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि इस वर्ष उत्तराखंड को बारिश के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ा है। कई लोगों की जान गई और अनेक स्थानों पर भूस्खलन, सड़क बंदी और संपत्ति का नुकसान हुआ है। ऐसे में मौसम में यह नया बदलाव राज्य के लिए फिर एक चुनौती बन सकता है।