
उत्तराखंड सरकार ने राज्य में धार्मिक आस्था और सनातन संस्कृति की आड़ में ठगी और अपराध करने वाले छद्मवेशी साधु-संतों के विरुद्ध कड़ा रुख अपनाते हुए ‘ऑपरेशन कालनेमि’ शुरू करने के निर्देश जारी किए हैं।
प्रदेश में हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां असामाजिक तत्व साधु-संतों का भेष धारण कर विशेषकर महिलाओं को निशाना बना रहे हैं। इन घटनाओं से जहां लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं, वहीं सनातन संस्कृति की छवि को भी ठेस पहुंच रही है।
सरकार ने साफ किया है कि किसी भी धर्म का व्यक्ति अगर भेष बदलकर पाखंड या ठगी जैसे अपराधों में लिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी बयान में कहा गया है कि जैसे पौराणिक कथा में असुर कालनेमि ने साधु का रूप धारण कर भगवान को धोखा देने का प्रयास किया था, वैसे ही आज समाज में भी कई ‘कालनेमि’ सक्रिय हैं जो धार्मिक भेष में लोगों को भ्रमित और शोषित कर रहे हैं।
सरकार ने दोहराया कि जनभावनाओं की रक्षा, सनातन संस्कृति की गरिमा और सामाजिक सौहार्द बनाए रखना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। ऐसे में आस्था के नाम पर पाखंड फैलाने वालों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा। ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत पुलिस और प्रशासन को सतर्क रहने और ठोस कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।