उत्तराखंड में कोई राशन संकट नहीं, अधूरी ई-केवाईसी वाले सुरक्षित

 उत्तराखंड में राशनकार्ड धारकों के लिए राहत की खबर है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की ई-केवाईसी प्रक्रिया जारी है, जिसमें फिंगर प्रिंट और रेटिना स्क्रीन के जरिए केवाईसी की जा रही है। हालांकि राज्य के कई इलाकों में अभी तक बड़ी संख्या में लोग अपनी केवाईसी नहीं कर पाए हैं। इसका मुख्य कारण कठिन भौगोलिक परिस्थितियां और नेटवर्क कनेक्टिविटी की समस्याएं बताई जा रही हैं।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रेखा आर्या ने हाल ही में अपने क्षेत्र भ्रमण के दौरान इस समस्या को समझा और स्पष्ट किया कि जिन लोगों की ई-केवाईसी नहीं हो पाई है, उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है।

मंत्री के निर्देश पर विभाग ने सभी जिला पूर्ति अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि ई-केवाईसी ना होने की वजह से किसी का राशन वितरण न रुके। प्रदेश के सभी जनपदों में ई-केवाईसी का काम जारी है और केंद्र सरकार ने इसकी अंतिम तारीख 30 नवंबर तय की है। फिर भी कई क्षेत्रों में बड़ी संख्या में राशन कार्ड धारकों की केवाईसी अधूरी है।

मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि लोगों से बातचीत में यह स्पष्ट हुआ कि कई परिवारों के मुखिया आजीविका के लिए घर से बाहर रहते हैं, इसलिए अंगूठा या रेटिना स्कैन नहीं हो पाया। इसके अलावा नेटवर्क की समस्या, असाध्य रोग या बुजुर्ग होने की वजह से भी कुछ लोगों की केवाईसी पूरी नहीं हो पाई। ऐसे लोग चिंता में थे कि नवंबर के बाद उन्हें राशन मिलेगा या नहीं।

मंत्री के निर्देश के बाद कमिश्नर खाद्य आपूर्ति ने भी सभी जिला पूर्ति अधिकारियों को स्पष्ट आदेश दिए हैं कि ई-केवाईसी ना होने पर किसी का राशन न रुके और जिनकी केवाईसी अधूरी है, उन्हें अतिरिक्त समय दिया जाए। साथ ही राशन विक्रेताओं के बकाया लाभांश का भुगतान तीन दिन के भीतर करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।

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