
उत्तराखंड के पंचकेदारों में चतुर्थ केदार माने जाने वाले रुद्रनाथ महादेव मंदिर के कपाट आज ब्रह्म मुहूर्त में पूरे वैदिक विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने की इस पावन घड़ी में मंदिर परिसर शिव भक्ति और जयकारों से गूंज उठा।
मंदिर के मुख्य पुजारी सुनील तिवारी ने बताया कि सुबह 4 बजे से पूजा-अर्चना की प्रक्रिया शुरू हुई, और 6 बजे कपाट बंद कर दिए गए। इसके बाद भगवान रुद्रनाथ की उत्सव डोली को उनकी शीतकालीन गद्दी गोपीनाथ मंदिर (गोपेश्वर) के लिए रवाना किया गया।
अब आने वाले छह महीनों तक श्रद्धालु भगवान रुद्रनाथ के दर्शन और पूजन गोपीनाथ मंदिर, गोपेश्वर में कर सकेंगे। डोली की यात्रा पंचगंगा, पितृधार, पनार बुग्याल और मोली बुग्याल होते हुए सगर गांव पहुंचेगी। यहां और अन्य स्थानों पर नए अन्न का भोग अर्पित किया जाएगा। शाम तक डोली गोपीनाथ मंदिर पहुंच जाएगी।
भगवान को मंदार (बुखला) के 251 पुष्पगुच्छों से ढका गया, जो कपाट खुलने के बाद प्रसाद के रूप में बांटे जाएंगे। इस विशेष परंपरा को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर परिसर में मौजूद रहे और इस अद्भुत दृश्य के साक्षी बने।