उत्तराखंड के रामनगर में रेस्क्यू ऑपरेशन में कार्बेट टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम को बड़ी सफलता मिली है। टीम ने बाघिन को शनिवार की देर रात टैंकुलाइज कर उसे पकड़ लिया है। इस बाघिन ने दस दिन पहले ही किसान को अपना निवाला बनाया था। बाघिन को ढेला रेस्क्यू सेंटर में ले जाने के बाद डीएनए सैंपल हैदराबाद जांच के लिए भेजा जा रहा है।
18 अप्रैल को बासीटीला गांव में 42 वर्षीय प्रमोद तिवारी उर्फ पप्पू तिवारी को खेत में गेंहू की रखवाली करते समय बाघ ने हमला कर मार दिया था। संयुक्त संघर्ष समिति के साथ ग्रामीण भी बाघ को पकड़ने की मांग कर रहे थे। बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग की ओर से कैमरा ट्रैप लगाए गए। ड्रोन की मदद ली गई।
वहीं, रात के समय वन कर्मियों की टीम जंगल में डटी रही। बाघ की मूवमेंट पर नजर रखी जा रही थी। सीटीआर निदेशक डा. धीरज पांडेय ने बताया कि लंबे समय से एक बाघ लगातार घटनास्थल पर दिखाई दे रहा था। बाघ की उपस्थिति को देखते हुए उस पर नजर रखी जा रही थी। शनिवार की देर रात बासीटीला गांव के पास बने वॉटर हॉल के करीब बाघ आया तो उसे कॉर्बेट पार्क के वरिष्ठ पशु चिकित्सक डा. दुष्यंत शर्मा की ओर से ट्रैंकुलाइज किया गया।