उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इस बीच नैनीताल जिले के रामनगर के रिंगोड़ा गांव के पास घास काट रही 60 वर्षीय बुजुर्ग महिला की बाघ के हमले में मौत हो गई। यह घटना उस समय घटी जब महिला अपनी सहेलियों के साथ हाईवे किनारे घास काटने गई थी। अचानक बाघ ने हमला कर महिला को घसीटते हुए कोसी नदी की दिशा में ले गया। महिला के अन्य साथियों ने शोर मचाया, जिससे ग्रामीणों को सूचित किया गया। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और महिला का शव हाईवे से करीब 500 मीटर दूर कोसी नदी के पास बरामद किया।
घटना के बाद गांव में शोक का माहौल था, और आक्रोशित ग्रामीणों ने महिला का शव राष्ट्रीय राजमार्ग तक पैदल ले जाकर जाम लगा दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग ने क्षेत्र में बाघ की बढ़ती गतिविधियों को नजरअंदाज किया है। वे आरोप लगाते हैं कि वन विभाग ने बाघ के हमलों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए। ग्रामीणों ने तत्काल डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (डीएफओ) को मौके पर बुलाने और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की मांग की।
वहीं, रामनगर वन प्रभाग के एसडीओ अंकित बडोला और कोसी रेंजर शेखर तिवारी ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े रहे। उनका कहना था कि जब तक डीएफओ मौके पर नहीं आएंगे और बाघ की गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाएंगे, तब तक जाम नहीं खोला जाएगा।