
देहरादून/हल्द्वानी। प्रदेशभर में कारगिल विजय दिवस श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया गया। राजधानी देहरादून में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिरकत की और कारगिल युद्ध में शहीद हुए वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम धामी ने कहा, “कारगिल की घाटियों और पहाड़ियों में आज भी हमारे रणबांकुरों का शौर्य गूंजता है। तिरंगे को सिर पर बांधकर भारतीय सैनिकों ने जो हुंकार भरी, उससे दुश्मन थर्रा उठा था।”
उन्होंने कहा कि इस युद्ध में 537 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे, जिनमें उत्तराखंड के 75 वीर सपूत शामिल थे। यह विजयगाथा उत्तराखंड के योगदान के बिना अधूरी है।
मुख्यमंत्री ने कारगिल के अमर जवानों की वीरगाथा को युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बताया और उरी हमले, सर्जिकल स्ट्राइक, पुलवामा हमले के बाद एयर स्ट्राइक और हाल ही में हुए “ऑपरेशन सिंदूर” का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत अब जवाब नहीं देता, बल्कि हिसाब चुकता करता है। उन्होंने कहा, “अब भारत गोली का जवाब गोलों से देता है। हमारी सेना प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर हो रही है और अब हमारे हथियार भी विदेशी सेनाओं से कहीं अधिक उन्नत हैं।”
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर हल्द्वानी सहित नैनीताल जिले के अन्य हिस्सों में भी श्रद्धांजलि कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। हल्द्वानी के शहीद पार्क स्थित स्मृति दीवार पर शहीद जवानों को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।
इस अवसर पर सैनिक कल्याण विभाग, पूर्व सैनिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए जिले के पांच वीर जवानों के बलिदान को नमन किया। कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री व नैनीताल सांसद अजय भट्ट ने भी भाग लिया और शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।