उत्तराखंड में पंचायती राज निदेशक ने एक बड़ी कार्रवाई की है। हरिद्वार जिले के भगवानपुर क्षेत्र पंचायत की प्रमुख, करुणा कर्णवाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई उनकी कार्यशैली को लेकर आई शिकायतों की जांच और कारण बताओ नोटिस का जवाब मिलने के बाद की गई है।
साल 2023 में हुई क्षेत्र पंचायत की बैठक में अपने ताऊ, पूर्व विधायक देशराज कर्णवाल को बुलाने और सदस्यों के विकास से जुड़े प्रस्तावों की अनदेखी करने के आरोप थे। इन शिकायतों की जांच करने के बाद और ब्लॉक प्रमुख से मिले जवाब के आधार पर पंचायती राज निदेशक निधि यादव ने यह निर्णय लिया।
निलंबन आदेश के अनुसार, भगवानपुर के छह से ज्यादा क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ शिकायत की थी। उनका आरोप था कि बैठक का संचालन उनके ताऊ देशराज कर्णवाल से कराया गया और बैठक में विकास से जुड़े महत्वपूर्ण प्रस्तावों की अनदेखी की गई। 21 अप्रैल 2023 की बैठक का हवाला देते हुए यह आरोप लगाया गया था। हालांकि, 16 अन्य क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने इन आरोपों को खारिज करते हुए ब्लॉक प्रमुख का समर्थन किया और कहा कि देशराज कर्णवाल उस बैठक में राज्यसभा सदस्य के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित थे।
इस मामले के उजागर होने के बाद, पंचायती राज निदेशालय ने हरिद्वार के अपर जिलाधिकारी से मामले की जांच कराई। उनकी रिपोर्ट के आधार पर ब्लॉक प्रमुख को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। जांच में यह पाया गया कि ब्लॉक प्रमुख ने अपने पदीय कर्तव्यों का ठीक से पालन नहीं किया और कुछ सदस्यों के साथ मिलकर भ्रम की स्थिति उत्पन्न करने का प्रयास किया।
आदेश में कहा गया है कि ब्लॉक प्रमुख ने जानबूझकर अपने ताऊ को बैठक में बुलाकर संचालन कराया, जो पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन है। जांच पूरी होने तक करुणा कर्णवाल को पद से निलंबित कर दिया गया है।