इस आदेश से भोजनमाताओं में भड़का आक्रोश, भूख हड़ताल की चेतावनी

पिथौरागढ़। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण के तहत भोजन माता के रूप में मूलतः विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की माताओं को रखे जाने की व्यवस्था के आदेश से भोजनमाताओं में आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने भूख हड़ताल की चेतावनी दी है।

समग्र शिक्षा उत्तराखंड के अपर राज्य परियोजना निदेशक डाॅ मुकुल कुमार सती की ओर से 31 जनवरी को भोजनमाताओं को लेकर आदेश जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि महिलाओं में मातृत्व का भाव होता है। जिस कारण उनसे अपेक्षा की जाती है कि वह उसी भाव से छात्र-छात्राओं को भोजन पकाने और परोसने का काम करेंगी।

कहा गया है कि विद्यालयों में भोजनमाता के रूप में ऐसी महिलाएं कार्यरत हैं, जिनके पाल्य विद्यालय में अध्ययनरत नहीं है। ऐसी स्थिति में उनमें योजना के मूल भावना के प्रति अपेक्षित स्तर की संवेदनशीलता प्रभावित होने का भय रहता है। ऐसी स्थिति में जिला, शिक्षा अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इधर इस आदेश का भोजन माताएं विरोध कर रही हैं। जिलाध्यक्ष जानकी भंडारी का कहना है कि इस निर्णय के विरोध में भूख हड़ताल में बैठने का फैसला लिया जाएगा।

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